वर्चुअल कोर्ट एक ऐसा अनूठा प्रयास है जिसकी सहायता से अदालत में मुकदमा करने वाले यह वकील दोनों की ही उपस्थिति को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा और इसके लिए एक वर्चुअल मंच तैयार किया जाएगा। इस पहल से अदालत के संसाधनों क कुशलतापूर्वक उपयोग हो सकेगा और छोटे-मोटे विवादों को निपटने के लिए प्रभावी एवेन्यू से हल निकाला जा सकेगा।
ई-चालान (e-Challan) पोर्टल कनेक्ट से होगा कनेक्ट:
वर्चुअल कोर्ट एक प्रकार का ऐप है जिसके सॉफ्टवेयर को एनआरसी के माध्यम से तैयार किया गया है। इस ऐप की सहायता से ई चालान पोर्टल कनेक्ट होगा। इसके अतिरिक्त ट्रेजरी का ऐप (राजकोष) को भी जोड़ा जाएगा। दोनों ऐप के आपस में कनेक्ट होने से जब भी यातायात और परिवहन पुलिस ऑनलाइन चालान काटेंगे तो ऐसे मामलों का निपटारा केवल वर्चुअल कोर्ट ऐप के जरिए हो सकेगा। वर्चुअल कोर्ट एक निर्धारित अवधि के लिए के लिए कारवाही प्रारंभ कर देगा।
वर्चुअल कोर्ट के ऐप के माध्यम से ट्रैफिक उल्लघन के मामले का समाधान निकालने के लिए मददगार रहेगा।
वर्चुअल कोर्ट लोगों के एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म मुहैया कराएगा। वही इसके अधिकार क्षेत्र की बात करें तो यह लगभग पूरी राज्य 24 घंटे और 7 सप्ताह (24×7) तक कार्य करने की प्लैनिंग तैयार की गई है। वर्चुअल कोर्ट में ना तो मुकदमेबाज की उपस्थिति जरूरी होगी ना तो न्यायधीश की।इसके खासियत यह भी होगी की इसमें मुकदमे प्रभावी ढंग से स्थगन और समाधान दोनों के लिए ही प्रदेश के नागरिक को कहीं जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसमें केवल संचार के रूप में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से सजा तय की जाएगी। इसके अंतर्गत दोषी पाए जाने पर जुर्माना और मुआवजा का भुगतान करने का एक ही माध्यम दिया जाएगा जो कि ऑनलाइन होगा। वहीं किसी के दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ अपराध में सक्रियता या इलेक्ट्रॉनिक रूप में संबंध अपराधी को भेजा जाएगा। किसी भी तरह से दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को जुर्माना निश्चित रूप से भरना होगा तभी उस मामले से छुटकारा मिलेगा।
ड्यूटी के दौरान मनमानी करने वालों पर लगेगी लगाम:
मामले में दोषी पाए जाने पर जुर्माने का प्रावधान
आम नागरिकों को वर्चुअल कोर्ट से विशेष लाभ पहुंचेगा। इससे आम नागरिक में कानून को लेकर मन में खौफ बना रहेगा। वर्चुअल कोर्ट ऐप के जरिए ना केवल आम जनता को सुरक्षित सड़क परिवहन के नियमों से परिचित होंगे बल्कि इससे पुलिस व परिवहन पर ड्यूटी दे रहे कार्यकर्ता की मनमानी पर भी नकेल कसी जा सकेगी। यदि ड्यूटी के दौरान ऑनलाइन फॉर्म भरने में किसी भी प्रकार की भूल हुई उनकी लापरवाही साबित हो जाने पर यातायात पुलिस व परिवहन प्रवर्तन दस्ते पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें एक और खूबी है जोकि वर्चुअल कोर्ट के जरिए आम नागरिकों को प्राप्त होगी। मामले की कारवाही के दौरान उन्हें किसी भी प्रकार के दस्तावेज का भार उठाना नहीं पाएगा यानी की कारवाही पूरी तरह से पेपरलेस (paperless) होगी।
ट्रैफिक उल्लंघन में दोषी पाए जाने पर किस प्रकार से सजा दी जाएगी?
सबसे पहले व्यक्ति के दोषी साबित करने के लिए उन मामलों की पहचान करना आवश्यक है। जहां पर उसकी गलती हुई है इन सब मामलों का समाधान निकालने के लिए वर्चुअल कोर्ट को काफी प्रभावी समझा जा रहा है। वर्तमान समय की बात करें तो पायलट परियोजना के हिस्से के रूप में मामलों की निम्नलिखित रूप से श्रेणियां वर्चुअल कोर्ट के मैं निपटाने के लिए रखे गए हैं:
- मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत होने वाले अपराध।
- छोटे अपराध जहां धारा 206 के अतंर्गत दोषी पाए जाने पर दोषी के लिए समन जारी करने का प्रावधान है।
घर बैठे प्रदेश के नागरिक ट्रैफिक उल्लंघन में लगे जुर्माना पता और भर सकेंगे
वर्चुअल कोर्ट के जरिए ट्रैफिक उल्लंघन में दोषी पाए जाने पर परिवहन चालक को कितना जुर्माना भरना होगा, परिवहन चालक के मालिक को उसके मोबाइल में जुर्माने की अदायगी के लिए और इसे जमा करने हेतु ट्रेजरी एप का लिंक वाहन मालिक को भेज दिया जाएगा।
वाहन के मालिक के जुर्माना भरते हैं । वह अपने आप इसकी रसीद प्राप्त कर सकेगा। इस रसीद को प्रस्तुत करके वह यातायात पुलिस या संभागीय परिवहन कार्यालय (RTO) से लिए गए उसके महत्वपूर्ण दस्तावेज को प्राप्त कर सकेगा।
सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वर्चुअल कोर्ट चलाई जाएगी :
वर्चुअल कोर्ट में दर्ज मामलों की सुनवाई सुबह 10 से शाम 5 तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद व सुनवाई की जा सकेगी।
किस प्रकार से वाहन चालक ट्रैफिक उल्लंघन से संबंधित केस दायर किए जाने पर अपनी हैरिंग अटेंड कर सकेंगे? (How do you attend a virtual court hearing?)
प्रदेश के नागरिकों को वर्चुअल कोर्ट के जरिए अपनी हियरिंग अटेंड करने के लिए स्टेप बाय स्टेप तरीका नीचे बताया गया है। जिसे यूज़ करके आप वर्चुअल कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं।
- सबसे पहले वाहन चालक गूगल प्ले स्टोर से Vidyo Mobile App इंस्टॉल करना होगा।
- इस ऐप को इंस्टॉल करने के बाद आपको वेब पोर्टल vcphhc.gov.in एंटर्ड करना होगा।
- उसके आगे की प्रक्रिया में आपको कोर्ट से संबंधित एक लिंक प्राप्त होगी इस पर क्लिक करना होगा।
- इस लिंक को क्लिक करके आप कॉन्फ्रेंस को ज्वाइन कर सकेंगे।
- अंत में आपको आप अपना नाम दर्ज करना होगा।
वर्तमान समय में ई फाइलिंग के जरिए वादकारियों को इलेक्ट्रिक माध्यम से फाइल करने के लिए लीगेट्स के लिए सुविधा प्रदान की जा रही है और इसके लिए आपको इसकी अधिकारिक वेबसाइट https://vcourts.gov.in के जरिए नागरिक न्यायालय शुल्क ऑनलाइन भुगतान भी करने का विकल्प मौजूद होता है ।लिटिगेंट के लिए आप विभिन्न चैनलों के जरिए मामले की स्थिति का जायजा लेने के लिए ऑनलाइन देख सकते हैं ।एक प्रकार से आम नागरिकों की सुविधा को देखते हुए वर्चुअल कोर्ट की पहल की गई है ।जबकि मामले के स्थगित है जाने पर पर व्यक्तिगत रूप से यह वकील के माध्यम से कोर्ट में उपस्थित होना पड़ेगा वर्चुअल कोर्ट का एक मात्र लक्ष्य अदालत में मुकदमेबाज या वकील की मौजूदगी को खत्म करना और मामले को ऑनलाइन स्थगित करना है।
अपने ई-चालान ऑनलाइन भुगतान करने के लिए कदम: (How do I check my court Challan online?)
प्रदेश के नागरिकों को ट्रेफिक ई चालान का भुगतान करने के लिए अलग अलग राज्य की विभिन्न वेबसाइट दी गई होती है। आपको केंद्र सरकार ने अपने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के माध्यम से यातायात चालान की ऑनलाइन सुविधा मुहैया कराई गई है। ई गवर्नेंस के अंतर्गत प्रदेश के नागरिक ट्रेफिक ई चालान का भुगतान ऑनलाइन कर सकेंगे। आपकी सुविधा के लिए नीचे स्टेप बाय स्टेप तरीके बताए गए हैं। इसकी सहायता से आप ऑनलाइन ई चालान भुगतान कर सकेंगे।
Step 1: सबसे पहले आपको इसकी अधिकारिक वेबसाइट https://echallan.parivahan.gov.in/index/accused-challan पर विजिट करना होगा।
Step 2: इसके बाद आपको होम पेज पर चालान नंबर, वाहन संख्या, डीएल नंबर और कैप्चा कोड जैसे जानकारी मांगी जाएगी और आपको fill करने करते जाना है। अंत में आपको ‘विवरण प्राप्त करें ‘ का ऑप्शन दिखाई देगा। ईचलान परिवहण के जरिए आप ट्रैफिक चालान भुगतान कर सकेगे
Step 3: अभी नया पेज ओपन होगा जिसमें ट्रेफिक अपराध और उसके चालान विवरण की जांच करे संबंधी लिखा होगा। उसके बाद आपको ट्रैफिक जुर्माना के लिए भुगतान करें की प्रक्रिया के लिए आगे बढ़ना होगा।
Step 4: नए पृष्ठ पर, ट्रैफ़िक अपराध और उसके चालान के विवरण की जांच करना है और फिर ट्रैफ़िक जुर्माना के लिए भुगतान की प्रक्रिया के लिए आगे बढ़ें।
Brief Summary:
इस प्रकार से वर्चुअल कोर्ट ऐप के माध्यम से सड़क परिवहन के नियमों के बारे में लोगो को जागरूक किया जा सकेगा। चूंकि इसकी कार्यप्रणाली वर्चुअल होगी इससे आम नागरिकों में किसी भी प्रकार का आक्रोश नहीं होगा। वह सबकुछ देख और समझ सकेगे वर्चुअल मंच के जरिए यानी की सबकुछ पारदर्शी रहेगा। चाहे वाहन चालान की प्रक्रिया हो या मामले के पैरवी की। सभी प्रकार से वर्चुअल कोर्ट की पहल आम नागरिकों के हित को ध्यान में रखते हुए इसकी शुरुआत की गई है। इसका अब तक का परिणाम काफी सकारात्मक रहा है।
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