प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान ग्रामीण नागरिकों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने के लिए आरम्भ की गई है ताकि डिजिटल सेवा से जुड़े साधनों जैसे लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल जैसे उपकरणों के उपयोग हेतु ग्रामीणों को साक्षर किया जा सके व प्रत्येक घर से एक व्यक्ति को डिजिटल साक्षरता प्रदान किया जा सके ताकि वह डिजिटल सेवाओं से जुड़े महत्वपूर्ण बेसिक जानकारियों को हांसिल कर उसका लाभ उठा सकें, वित्तिय व सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकें, इंटरनेट का उपयोग का विश्व से जुड़ सकें, डिजिटल पेमेंट प्रक्रिया को अपना सकें।

इस अभियान का उदेश्य डिजिटल उपकरणों को सेतु के तौर पर इस्तेमाल कर एससी, एसटी, माइनॉरिटी, महिलाओं को व दिव्यांगों को तथा बीपीएल कार्ड धारियों को शशक्त किया जाना है। अभ्यर्थी के तौर पर इक्षुक व्यक्ति को अपने आप को इस पोर्टल पर रजिस्टर करना पड़ता है। केवाईसी से सम्बंधित प्रक्रिया पूर्ण कर नियम व शर्तों  हेतु एग्री करना होता है।

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अभ्यर्थी द्वारा मुहैय्या करवाई गई जानकारियां परीक्षा लिए जाने वाले एजेंसी के पास पहुंचती है जहां से उपलब्ध जानकारियों की जांच कर संतुष्ठ होने पर सर्टिफाई किया जाता है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों की आयु सीमा 14 से 60 वर्ष रखी गई है।

कोर्स की सीमा 20 घण्टे की होती  है जो कि कम से कम 10 दिन व अधिक से अधिक 30 दिन के अंतर कोर्स कंप्लीट हो जाता है। डिजिटल इंडिया का यह सपना गरीबों के लिए अधिक है ताकि वह विकास की नई संभावनाएं तलाश कर सकें।

प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत 6 करोड़ नागरिकों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाये जाने का लक्ष्य है। आप सभी को अब यह अहसास हो चला होगा कि आने वाले समय मे डिजिटल होना कितना लाभदायक हो सकता है। PMGDISHA लक्ष्य प्रत्येक घरों में एक व्यक्ति को डिजिटली रूप से साक्षर बनाना है। जिससे डिजिटल इंडिया के सपने को साकार किया जा सके।

इसके लिए सी एस सी सेंटर के माध्यम से लोगों को डिजिटल साक्षरता हेतु ट्रेनिंग प्रदान करना शामिल है जिसके लिए अगर कोई कंपनी या सोसाइटी रजिस्ट्रार के माध्यम से रजिस्टर्ड है। तो उन्हें ग्रामीणों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करने के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोले जाने की अनुमति मिल सकती है ।

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान से जुड़कर ट्रेनिंग सेंटर कैसे खोलें?

अगर आप डिजिटल ग्रामीण साक्षरता अभियान से जुड़कर एक ट्रेनिंग सेंटर खोलकर लोगों को ट्रेनिंग प्रदान कर डिजिटल साक्षर बनाकर राष्ट्र को शशक्त बनाने रूपी राष्ट्र सेवा के साथ-साथ कुछ आमदनी भी करना चाहते हैं तो इसके लिए आइये जानते हैं कि डिजिटल साक्षरता हेतु ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए कौन कौन सी अहर्ताएं होनी चाहिए ।

  1. ट्रेनिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट होना चाहिए।
  2. एजुकेशन के फील्ड में पूर्व के अनुभव होने चाहिए अगर इनफार्मेशन इटोलॉजी से संबंधित अनुभव हो तो और भी अच्छा होगा।
  3. आपको एक फॉर्मेट प्रदान किया जाएगा इस फॉर्मेट में आपको कम से कम 10 ट्रेनिंग सेंटर के कंपनी डिटेल्स के साथ में लिस्ट उपलब्ध करवानी होगी।
  4. पैन कार्ड का फोटो कॉपी तथा 3 वर्ष के आईटी रिटर्न की कॉपी
  5. पिछले 3 वर्षों के बैलेंस शीट का ऑडिट होना चाहिए
  6. ऑर्गनाइजेशन/सोसाइटी/ट्रस्ट/इंस्टिट्यूट/एनजीओ के नाम पर खोले गए बैंक अकाउंट की डिटेल वह भी कैंसल्लड चेक के साथ में होना अनिवार्य होता है।
  7. पहचान प्रमाण पत्र
  8. नोटरी द्वारा अटेस्टेड किया हुवा सपथ पत्र

PMGDISHA से जुड़कर ट्रेनिंग पार्टनर बनने हेतु कहां व कैसे अप्लाई करें?

पार्टनर बनने के लिए आपको निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा।

  • ट्रेनिंग पार्टनर एक ऑर्गेनाइजेशन होना चाहिए
  • भारत में रजिस्टर्ड होना चाहिए
  • 3 वर्ष का इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एजुकेशन या नॉर्मल एजुकेशन के फील्ड का अनुभव होना चाहिए।
  • उसके पास पैन नंबर होना चाहिए।
  • 3 इयर्स का ऑडिट होना चाहिए।
  • ऑर्गेनाइजेशन को एक्ट ऑफ लॉ ऑफ इंडिया के तहत रजिस्टर्ड होना चाहिए।
  • अगर वह एक कंपनी है तो उसे कंपनी के रजिस्ट्रार पर रजिस्टर होना चाहिए।
  • अगर वह एक सामाजिक संस्थान है तो उसे सोसाइटी के रजिस्ट्रार के पास रजिस्टर होना चाहिए।
  • सीएससी एसपीवी द्वारा जारी (एसओपी स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के अनुसार दक्षता हो अर्थात अहर्ताओं की पूर्ति करता हो।

Registration Process

Step 1: रेजिस्टर करने के लिए सर्वप्रथम आप PMGDISHA की आधिकारिक वेबसाइट https://www.pmgdisha.in/ पर विजिट करें

Step 2: थोड़ा नीचे स्क्रॉल करने पर आपको का बटन दिखाई देगा। उस बटन पर क्लिक करें।

apply now

Step 3: अगली स्क्रीन पर आपसे कुछ जानकारियां मांगी जाएंगी जैसे कि अभ्यर्थी का नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर साथ ही क्वालीफिकेशन डीटेल्स की जानकारी भी पूछी जाएगी जैसे कि डिग्री, यूनिवर्सिटी, कॉलेज इसके पश्चात आपको नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की कॉपी अपलोड करनी होती है। प्रशिक्षण प्रदान करने का लोकेशन जैसे कि राज्य, जिला, तहसील, पंचायत आपको उपलब्ध करवाना होगा उसके पश्चात सब्जेक्ट ऑफ स्टडी में ऑप्शन सेलेक्ट करना होता है । फिर प्रोजेक्ट का टाइटल डालना होता है और अंत मे नियम व शर्तें को एक्सेप्ट करते हुवे एग्री बटन पर क्लिक करके सबमिट बटन प्रेस करना होता है।

यह ध्यान रहे कि सारे दस्तावेजों की ओरिजिनल कॉपी आपको पीएमजी दिशा की एड्रेस पर भेजना होता है। एड्रेस की जानकारी प्राप्त करने के लिए आप पीएमजी दिशा की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर कांटेक्ट अस बटन प्रेस करेंगे तो पाएंगे कि वहां आपको सम्बन्धित एड्रेस मिल जाएगा साथ ही किसी प्रकार की असमंजस की स्थिति में स्पष्ठ जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको पीएमजी दिशा की हेल्पलाइन नम्बर भी वेबसाइट पर मिल जाएगा जिस पर कॉल कर आप सम्बन्धित जानकारी हांसिल कर सकते हैं ।

जब आप डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया पूर्ण कर लेंगे तब सबमिट करने उपरांत आपको एप्लीकेशन नंबर प्राप्त होगा अभ्यर्थी को सभी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी पीएमयू के एड्रेस पर अपना एप्लीकेशन नंबर लिखकर भेजना होता है जिसके बाद पीएमयू पहले अप्लाई किए जाने वाले अभ्यर्थी को प्राथमिकता देते हुए एक सीरियल नंबर जारी करती है जोकि इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होता है पीएमयू अभ्यर्थी द्वारा उपलब्ध करवाए गए सभी जानकारियों को संग्रह कर जमा किए गए दस्तावेजों का एलिजिबिलिटी मैट्रिक्स से मिलान करती है उसके बाद पीएमयू सभी एलिजिबल एप्लीकेंट के लिस्ट बनाती है फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद एक आंतरिक कमेटी मेंबर द्वारा बनाए डाटा को पुनः वेरीफाई करती है।

इसके पश्चात एक गठित दल द्वारा आपके द्वारा बनाए गए ट्रेनिंग सेंटर पर विजिट कर सभी जांच पड़ताल कर अहर्ताओं की पुष्टि की जाती है और वेरिफिकेशन के पश्चात आपको ट्रेनिंग सेंटर संचालित किए जाने का परमिशन मिल जाता है। पीएमजी दिशा या प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान से जुड़कर आप अपने गांव के 400 लोगों को प्रशिक्षण प्रदान कर सकते हैं। जिनको आप प्रशिक्षण देंगे प्रति स्टूडेंट सरकार आपको ₹300 देगी जिसको आप प्रशिक्षण दे रहे हैं उनकी आयु 14 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए प्रशिक्षण उपरांत ऑनलाइन एग्जामिनेशन होगा जिसे पास करने के पश्चात सरकार द्वारा आपको प्रत्येक स्टूडेंट पर ट्रेनिंग प्रदान करने हेतु पेमेंट प्राप्त होता रहेगा ।

आपको लोगों को इसकी जानकारी देकर उन्हें कोर्स करने के लिए मोटिवेट करकर उन्हें एनरोल करना होता है । अभ्यर्थी को ट्रेनिंग देनी होती है । ऑनलाइन मोनिटरिंग एप्लीकेशन कम लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से अभ्यर्थियों का अटेंडेंस सुनिश्चित करना होता है । जितने भी अभ्यर्थी कोर्स के लिए इनरोल हुवे हैं उनका रिकॉर्ड रखना होता है । यह भी सुनिश्चित करना होता है कि अभ्यर्थी ट्रेनिंग लेने उपरांत ऑनलाइन एग्जामिनेशन दे क्योकि तब ही प्रत्येक अभ्यर्थी के सर्टिफाई होने उपरांत ही सरकार द्वारा ₹300 प्रत्येक अभ्यर्थी को ट्रेनिंग प्रदान किये जाने बाबत जारी किया जाएगा ट्रेनिंग खत्म हो जाने के पश्चात ट्रेनिंग सेंटर को 2 साल तक असिस्टेंट देना होगा सभी लाभार्थियों का आधार नंबर मेंटेन करना होगा ।

पीएम ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान का सर्टिफिकेट कैसे प्राप्त करें?

पीएम ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान का सर्टिफिकेट, PMGDISHA सर्टिफिकेट आपको ट्रेनिंग के बाद मिलता है। ट्रेनिंग के बाद ऑनलाइन टेस्ट होता है। इस ऑनलाइन टेस्ट में आपसे 25 सवाल पूछे जाते हैं, जिनमें से अगर 7 का सही उत्तर दे दिया जाए, तो उम्मीदवार परीक्षा पास कर जाता है व उसको PMGDISHA सर्टिफिकेट दिया जायेगा ।

पीएम ग्रामीण डिजिटल साक्षारता अभियान के लिए अभ्यर्थियों की पात्रता

सर्वप्रथम तो आवेदक भारतीय निवासी होना चाहिए । आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए । आवेदक का आधार कार्ड, पहचान  पत्र, आयु प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो भी संलग्न करना होता है

वैसे तो हमने पीएमजी दिशा से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी आप तक पहुंचाने की कोसिस की है इसके बावजूद अगर आपके जहन में पीएमजी दिशा से सम्बंधित कोई सवाल है तो आप 1800 3000 3468 इस टॉल फ्री नम्बर पर कॉल कर सम्बन्धित जानकारियां हांसिल कर सकते हैं । या आप helpdesk@pmgdisha.in इस ईमेल आईडी पर मेल कर अपने परेशानी और अपने सवाल का जवाब प्राप्त कर सकते हैं।

Mike Barret

By Mike Barret

Mike Barret is a literature teacher with over a decade of experience in educating students about the intricacies of literary works. Holding a Master's degree in English Literature from a prestigious university, Mike has dedicated her career to fostering a deep appreciation for the written word among her students.